श्रीनृसिंहविज्ञापन एक पद्यात्मिका रचना है जो श्रीनृसिंहाश्रम के द्वारा प्रकट हुइ है ।
यह
ग्रन्थ श्रीनृसिंह की परब्रह्मत्वेन वन्दना करता हुआ प्रारम्भ होता है ।
उसके बाद ग्रन्थकार कहते हैं कि वह किसी भी ऐसे व्यक्ति को ढूँढ नहीं पा
रहे हैं जो उनके ज्ञान की परीक्षा कर सके , अतः श्रीनृसिंह भगवान् को ही
परीक्षक बनाकर सुनाते हैं ।