परमहंसप्रिया

श्रीगणेशाय नमः ।
प्रकाशकीय

नमाम्यभोगिपरिवारसम्पदं निरस्तभूतिमनुमार्धविग्रहम् ।
अनुग्रमुन्मृदितकाललाञ्छनं विना विनायकमपूर्वशङ्करम् ॥

श्रीनृसिंहविज्ञापनम्

प्रकाशकीय
श्रीनृसिंहविज्ञापन एक पद्यात्मिका रचना है जो श्रीनृसिंहाश्रम के द्वारा प्रकट हुइ है ।
यह ग्रन्थ श्रीनृसिंह की परब्रह्मत्वेन वन्दना करता हुआ प्रारम्भ होता है । उसके बाद ग्रन्थकार कहते हैं कि वह किसी भी ऐसे व्यक्ति को ढूँढ नहीं पा रहे हैं जो उनके ज्ञान की परीक्षा कर सके , अतः श्रीनृसिंह भगवान् को ही परीक्षक बनाकर सुनाते हैं ।